Sunday 8 January 2012

था रूप जिन्दगी में,था रंग जिन्दगी में!
अब जिन्दगी में यारों,वो बात नहीं है!!
अंधियारे रास्ते है ,घबरा रहा हूं कुछ मैं!
कल कल तक जो साथ में था, वो साथ नहीं है!!
आँखें भी यार मेरी,लगता है थक गयी है !
वो ,रात लग रही, है, जो रात नहीं ,,है!!
पाती भी दे चुका हूं,दर भी खुला है मेरा!
होनी जरूर थी जो, मुलाकात नहीं है!!
मुस्कान मिल रही थी,दीदार से भी जिनके!
किस्मत में यार वो भी, सौगात नहीं है!!
क्या है गलत सही क्या,अब कौन ये बताये!
सर पे जो मेरे कल था, वो हाथ नहीं है!!
सपने निगाह में थे,मुट्ठी में थे सितारे!
सब कुछ बदल गया है,वो हालात नहीं है!!
written by MANOJ HINDUSTANI